विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल को पुजारी परिवार की महिलाएं बांधेगी राखी, सवा लाख लड्डुओं का लगेगा भगवान को भोग
  लगभग 2000 किलो शुध्द देशी घी से बन रहे लड्डू प्रसादी 


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उज्जैन: रक्षाबंधन का पर्व सामने है मान्यता है की विश्व भर में सबसे पहले दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वरः ज्योतिर्लिंग के धाम में हर एक पर्व को मनाया जाता है पर्व के दिन अल सुबह 4:00 बजे भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को पुजारी परिवार की महिलाएं राखी बांधती है और पुजारी परिवार की ओर से सवा लाख लड्डुओं का भोग भगवान को लगाया जाता है। वर्षों से चली आ रही इस खास परंपरा को देखते हुए हमने प्रसादी बनाने वाले हलवाई और मंदिर के पुजारी यश गुरु से बातचीत की जिसमें हलवाई ने बताया कि लड्डू की शुद्धता के लिए तमाम तरह के हजारो किलो ड्राय फ्रूट्स, लगभग 2000 किलो शुद्ध देसी घी, बेसन व कई तरह की सामग्री मिलाई जाती है बीते 4 से 5 दिन प्रसादी बनाने का कार्य जारी है वहिं पुजारी यश गुरु ने कहा कि परिवार की महिलाएं पूरे 1 माह श्रावण महीने में व्रत रखकर और मंगल गान गाकर बाबा के लिए विशेष राखी बनाती हैं राखी बांधने के बाद ही व्रत को खोला जाता है।

देश विदेश से भी भगवान को आती है राखियां जिन्हें भेजा जाता 
है प्रसाद।
मंदिर के पुजारी बताते है कि भगवान महाकालेश्वरः की भस्मार्ती करने वाले पुजारी परिवार की महिलाएं बाबा को राखी बांधती हैं. इस विशेष राखी को श्रावन माह में रखे गए उपवास के दौरान मंगल गान गाते हुए बनाया जाता है. भगवान महाकाल को बांधी जाने वाली राखी के दर्शन करने जन्माष्टमी तक श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर आते हैं. भगवान महाकाल के लिए राखीयां पुजारी परिवार की और से ही नही देश में अलग-अलग राज्यों व विदेशों से भी भक्त भेजते है। राखी भेजने वाले सभी जजमानों को भी भगवान का लड्डू प्रसादी भेजा जाता है।

जानिए राखी का शुभ मुहूर्त।
विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार राखी का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 08:50 के बाद है 30 अगस्त को सुबह 10:00 बजे से रात 08:50 तक भद्रा का असर रहेगा जो कि अशुभ माना जाता है सुबह 10:00 बजे से पहले भी राखी बांधना चौदस के कारण उचित नहीं है ना ही 31 अगस्त को राखी बांधने का कोई शुभ मुहूर्त है इसलिए 30 अगस्त की रात 08:50 पर ही रखी का पर्व धर्मशास्त्र को मानने वाले लोग मनाएंगे।

 

न्यूज़ सोर्स : Icn